मील का पत्थर हासिल: सुरंग-2 का निर्माण पूरा, मुंबई उपनगरीय रेलवे नेटवर्क की सबसे लंबी सुरंग ,
By Sonu Vishwakarma
JUNE 09, 2024, 17:41 IST
मुंबई रेलवे विकास निगम (MRVC) ने सुरंग-2, जो मुंबई उपनगरीय रेलवे नेटवर्क की सबसे लंबी सुरंग है, के सफल निर्माण की घोषणा की है. यह सुरंग पनवेल-कर्जत रेलवे परियोजना के एक हिस्से है, मुंबई शहरी परिवहन परियोजना 3 (MUTP-3)।
मुंबई, 7 जून: मुंबई रेलवे विकास निगम (एमआरवीसी) ने मुंबई शहरी परिवहन परियोजना 3 (एमयूटीपी-3) के तहत पनवेल-कर्जत रेलवे परियोजना के हिस्से के रूप में मुंबई उपनगरीय रेलवे नेटवर्क की सबसे लंबी सुरंग-2 (वावरले सुरंग) के सफल निर्माण की घोषणा की है।
परियोजना अवलोकन (Project Overview)
पनवेल-कर्जत रेलवे परियोजना में तीन सुरंगों का निर्माण शामिल है, जिनकी कुल लंबाई 3164 मीटर है:
सुरंग-1 (नधल सुरंग): 219 मीटर
सुरंग-2 (वावरले सुरंग): 2625 मीटर
मील का पत्थर उपलब्धि (Milestone Achievement)
वावरले सुरंग की भूमिगत खुदाई 22 फरवरी, 2023 को शुरू हुई। आज, 7 जून, 2024 को एमआरवीसी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री सुभाष चंद गुप्ता, निदेशक (परियोजनाएं) श्री आर.के. श्रीवास्तव, ईडी (तकनीकी) श्री विलास वाडेकर, सीवीओ श्री बी.के. गंगटे, जीएम (सिविल) श्री विनोद भंगाले और परियोजना के निर्माण में शामिल अन्य प्रमुख कर्मियों की उपस्थिति में यह सफलता हासिल की गई। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि रसद चुनौतियों और जटिल भूवैज्ञानिक स्थितियों के बावजूद परियोजना के निष्पादन में एक बड़ा कदम है।
निर्माण पद्धति (Construction Methodology)
वावरले सुरंग का निर्माण न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग विधि (NATM) का पालन करता है, जिसमें खुदाई का एक चक्रीय क्रम शामिल है, जिसके बाद एक प्राथमिक समर्थन और एक विलंबित द्वितीयक अस्तर की स्थापना होती है। मुख्य पहलुओं में शामिल हैं:
प्राथमिक अस्तर: तत्काल समर्थन और स्थिरता के लिए वायर मेश और रॉक बोल्ट द्वारा प्रबलित शॉटक्रीट।
उत्खनन तकनीक: उपकरण और 3डी निगरानी का उपयोग करते हुए अवलोकन पद्धति के साथ ड्रिल और ब्लास्ट।
सुरंग के गुण (Tunnel Specifications)
वावरले सुरंग में गिट्टी रहित ट्रैक है, जिसमें सार्वजनिक शरण क्षेत्र, सुरंग नियंत्रण प्रणाली (SCADA), प्रकाश व्यवस्था, अग्निशमन प्रणाली और समकालीन अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करने वाली वेंटिलेशन प्रणाली हैं। अतिरिक्त विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
7.323 मीटर की ऊँचाई
13.282 मीटर रेल स्तर पर चौड़ाई
89.99 वर्ग मीटर का तैयार क्रॉस-सेक्शनल क्षेत्र
ग्रेडिएंट: R 1 254.623 और F 1 243.668
योग्यता का स्तर: 805 मीटर की लंबाई का 1-D वक्र
चुनौतियाँ और फायदे (Challenges and Achievements)
खुदाई के दौरान, महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें पानी के रिसाव और न्यूनतम आवरण (12 मीटर जितना कम) के साथ खंडित चट्टान द्रव्यमान शामिल थे। दो जल धाराएँ कम आवरण क्षेत्र में सुरंग संरेखण को पार करती हैं। इन चुनौतियों के बावजूद, सावधानीपूर्वक योजना बनाकर प्रति माह 175 मीटर की औसत भूमिगत खुदाई का उत्पादन प्राप्त किया गया, जिसमें दिन के समय प्रतिदिन दो बार विस्फोट किया गया क्योंकि रात के समय विस्फोट की अनुमति नहीं है।
सहयोगी प्रयास (Collaborative Efforts)
इस परियोजना में कई संस्थाओं के बीच सहयोग देखा गया:
प्रौद्योगिकी भागीदार: CSIR-CIMFR ने चट्टान विस्फोट प्रक्रिया का मार्गदर्शन किया।
डिजाइन और ड्राइंग कार्य: मेसर्स AECOM
सामान्य सलाहकार: मेसर्स RODIC-ARTELA (JV)
कार्यकारी एजेंसी: मेसर्स SDPL-TIPL-JMMIPL (JV), अत्याधुनिक तकनीक और विशेषज्ञता का लाभ उठाते हुए।
प्रगति की प्रभावी निगरानी के लिए एक GIS-आधारित परियोजना प्रबंधन प्रणाली लागू की गई।
भविष्य की संभावनाएँ (Future Prospects)
सुरंग-2 की सफल सफलता पनवेल-कर्जत रेलवे परियोजना में एक प्रमुख मील का पत्थर है, जिसने मुंबई उपनगरीय क्षेत्र में बेहतर कनेक्टिविटी और परिवहन दक्षता का मार्ग प्रशस्त किया है।
पनवेल-कर्जत नया उपनगरीय गलियारा: (The Karjat-Panvel New Suburban Corridor)