अश्लील और अश्लीलता की सामग्री के बढ़ते आंकलन के कारण, केंद्रीय सरकार ने OTT APPS पर प्रतिबंध लगाया है। यह प्रतिबंध उच्चतम गुणवत्ता और शारीरिक और मानसिक हित के आधार पर निर्धारित किया गया है ताकि नागरिकों को सुरक्षित और उचित मनोरंजन मिल सके। यह उचितता और सार्थकता की दृष्टि से किया गया निर्णय है जो समाज की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
सरकारी प्रतिबंध केवल सामाजिक सुरक्षा के माध्यम के रूप में ही नहीं है, बल्कि इसके पीछे अन्य कारण भी हैं जो हमें जानने चाहिए। ये प्रतिबंध अश्लील और अश्लीलता की सामग्री को नियंत्रित करने, बच्चों और युवाओं को सुरक्षित रखने, और सामाजिक मानवीय मानसिकता को संरक्षित रखने का एक प्रयास है। इसके साथ ही, यह उचितता, सर्वसामरिकता, और सार्थकता के मानकों को बनाए रखने का भी एक माध्यम है। OTT APPS प्रतिबंध के पीछे ये कारण हैं जो समाज की जरूरतों को ध्यान में रखकर लिया गया है।
2. व्यक्तिगत और निजी जानकारी की सुरक्षा: इंटरनेट पर अनावश्यक जानकारी की उपलब्धता, ऑनलाइन धोखाधड़ी, और निजी जानकारी की चोरी की संभावना के कारण सरकार सुरक्षा के माध्यम से इस पर नियंत्रण रखने का प्रयास करती है।
3. साइबर अपराधों का रोकथाम: इंटरनेट पर विभिन्न प्रकार के साइबर अपराध, जैसे कि हैकिंग, फिशिंग, वायरस आदि, की बढ़ती संख्या के कारण सरकार सुरक्षा के माध्यम से इनकी रोकथाम करने का प्रयास करती है।
3. साइबर अपराधों का रोकथाम: इंटरनेट पर विभिन्न प्रकार के साइबर अपराध, जैसे कि हैकिंग, फिशिंग, वायरस आदि, की बढ़ती संख्या के कारण सरकार सुरक्षा के माध्यम से इनकी रोकथाम करने का प्रयास करती है।
ये कारण सामाजिक सुरक्षा को बनाए रखने के लिए सरकारी प्रतिबंध के अलावा भी महत्वपूर्ण हैं।
OTT APPS प्लेटफॉर्म पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 और 67ए, भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 292 और महिलाओं के अश्लील चित्रण (निषेध) अधिनियम, 1986 की धारा 4 के प्रथम दृष्टया उल्लंघन के लिए प्रतिबंध लगाया गया है।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने OTT APPS प्लेटफॉर्म पर इस प्रतिबंध का कारण बताते हुए कहा, “इन OTT APPS प्लेटफॉर्म पर होस्ट की गई सामग्री का एक बड़ा हिस्सा अश्लील, अश्लील पाया गया और इसमें महिलाओं को अपमानजनक तरीके से दिखाया गया। इसमें शिक्षकों और छात्रों के बीच संबंधों, पारिवारिक संबंधों आदि जैसे विभिन्न अनुचित संदर्भों में नग्नता और यौन कृत्यों को दर्शाया गया।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने लिखा, “सामग्री में यौन इशारे शामिल थे और कुछ मामलों में अश्लील और यौन रूप से स्पष्ट दृश्यों के लंबे हिस्से थे, जिनका कोई विषयगत या सामाजिक प्रासंगिकता नहीं थी।”
इन OTT APPS के पैमाने के बारे में बात करते हुए, केंद्र सरकार ने कहा कि इनमें से एक ऐप ने 1 करोड़ से ज़्यादा डाउनलोड हासिल किए हैं जबकि अन्य दो के गूगल प्ले स्टोर पर 50 लाख से ज़्यादा डाउनलोड हैं। इस बीच, इन OTT APPS प्लेटफ़ॉर्म के सोशल मीडिया हैंडल पर कुल मिलाकर 32 लाख से ज़्यादा यूज़र फ़ॉलोअर्स हैं।